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बदलते उत्तर प्रदेश में जहां निवेश, उद्योग, मूलभूत अवस्थापना से लेकर मध्यम, छोटे व सूक्ष्म कारोबार बढ़ रहे हैं। लोगों को रोजगार के अवसर देश के दूसरे राज्यों से ज्यादा मिल रहे हैं। महिला कामगारों के मामले में प्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है, वहीं कृषि के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियों ने उसे शीर्ष पर पहुंचा दिया है। यह उजागर हुआ है एसोचैम की ताजा रिपोर्ट में। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि 13 प्रतिशत भागीदारी के साथ उत्तर प्रदेश भारत के कृषि क्षेत्र में सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में उभरा है। जो देश के किसी भी राज्य से सबसे ज्यादा है। एसोचैम ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस उपलब्धि के पीछे प्रदेश की वर्तमान अखिलेश सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं को प्रमुख वजह बताया है। प्रदेश सरकार किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बेतहतरी कृषि उपकरण, बीज और खाद उपलब्ध करा रही है। वहीं खेतों में मिट्टी के अनुरूप उपज को बढ़ावा देने के साथ राज्य सरकार द्वारा सिंचाई मुफ्त करने से कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास दर्ज किया गया है।
एसोचैम ने माना उत्तर प्रदेश कृषि में नम्बर एक राज्य
एसोचैम ने एक अध्ययन के बाद उत्तर प्रदेश को देश के कृषि एवं इससे जुडे क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान देने वाला राज्य करार दिया है। एसोचैम ने स्टेट्स इमरजेन्स कॉम्परेटिव एनालिसिस आफ ग्रोथ एंड डेवलपमेंट शीर्षक से किये गये अपने एक अध्ययन के नतीजों के आधार पर दावा किया है कि वर्ष 2013-14 में भारत के कृषि एवं इससे जुडे क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत रही है। अध्ययन में पाया गया कि वर्ष 2013-14 में उत्तर प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी)में कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्र का योगदान 22 फीसदी रहा है। एसोचैम इकोनॉमिक रिसर्च ब्यूरो(एईआरबी)द्वारा किये गये अध्ययन में कहा गया है कि वर्ष 2004-2005 से 2013-14 के दशक में देश के 20 राज्यों में से उत्तर प्रदेश का कृषि एवं इससे जुडे क्षेत्र में 15वां स्थान रहा है। इस दौरान इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की मिश्रित वार्षिक विकास दर 3.2 प्रतिशत रही। उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से कृषि प्रधान राज्य है और यहां कृषि क्षेत्र के बुनियादी क्षेत्र जैसे थोक और फुटकर बिक्री, भंडारण,वितरण और सिंचाई क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित करने की अपार संभावनायें हैं।
किसानों को डिजिटल बनाती यूपी सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को डिजिटल बनाने के कई कदम उठाये हैं। जिनमें ई-चैपाल जैसे कार्यक्रमों के जरिये बढ़ावा मिल रहा है। अखिलेश सरकार पुरानी मंडी प्रणाली की जगह आधुनिक किसान मंडी बनाने पर जोर दे रही है। जिससे किसानों को मानसून के बारे में एवं फसल के दामों के विषय में सही समय पर जानकारी मिलने लगी है। सीएम अखिलेश किसानों को उनकी उपज का सर्वश्रेष्ठ मूल्य दिलाकर खेती को बढ़ावा देने में भी लगे हुए हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के योगदान से निजी सार्वजनिक भागीदारी के तहत व्यापार मेलों का आयोजन करवाकर प्रदेश सरकार किसानों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही है। किसानों को अच्छे बीज, उच्चगुणवत्तायुक्त कृषि उपकरण, उर्वरक तथा अन्य जरूरी साजोसामान उपलब्ध कराने के साथ-साथ सिंचाई की बेहतर सुविधा दे रही है। इसके अलावा सरकार किसानों को फसल बीमा से जोड़ रही है।
कृषि सुधार होने से यूपी की बढ़ी जीडीपी
एसोचैम के मुताबिक वित्तीस वर्ष 2013-14 में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों का उत्तर प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद यानी जीएसडीपी में 22 प्रतिशत से अधिक का योगदान रहा है। राज्य सरकार द्वारा सुधारात्मक कदम उठाने से कृषि उत्पादन को पुनर्जीवित करने के विशेष मदद मिली है। कृषि क्षेत्र में विकास के लिए थोक व खुदरा व्यापार, भंडारण, वितरण और मुफ्त सिंचाई व्यवस्था का असर दिखने लगा है। कुल मिलाकर सीएम अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के किसान देश के नम्बर एक किसान बनने की तरफ बढ़ रहे हैं। जिससे प्रदेश भी विकास के रथ पर सवार होकर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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